Cyber Fraud : भारत सरकार ने साइबर अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने 17,000 व्हाट्सएप अकाउंट्स को ब्लॉक किया है, जो कि साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे थे। यह कार्रवाई भारतीय साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) और दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा की गई है। इन अकाउंट्स का इस्तेमाल दक्षिण-पूर्व एशिया के साइबर अपराधियों द्वारा किया जा रहा था, जो भारत में डिजिटल धोखाधड़ी और अन्य साइबर अपराधों को अंजाम दे रहे थे।
गृह मंत्रालय के साइबर सुरक्षा हैंडल CyberDost ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के माध्यम से इस कार्रवाई की जानकारी दी। इस पोस्ट में बताया गया कि इन व्हाट्सएप अकाउंट्स के माध्यम से साइबर अपराधियों ने भारत में डिजिटल अपराधों का नेटवर्क फैलाया था। इस बड़े क्रैकडाउन का मुख्य उद्देश्य डिजिटल अपराधियों के नेटवर्क को ध्वस्त करना और भारत की डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करना था।
#I4C, in collaboration with DoT, has successfully blocked 17,000 WhatsApp accounts used by cyber criminals from South East Asia. The initiative aims to disrupt offshore criminal networks and strengthen India's #DigitalSecurity.#AapkaCyberDost #CyberDost #CyberSecurity pic.twitter.com/HRommsTTC6
— Cyber Dost (@Cyberdost) November 21, 2024
साइबर अपराध पर कड़ी नज़र :
गृह मंत्रालय ने बताया कि मई महीने में, जब दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे कंबोडिया, म्यांमार और लाओस से भारत में साइबर अपराधों की घटनाएं बढ़ने लगीं, तो एक विशेष कमेटी का गठन किया गया। यह समिति भारतीय युवाओं को धोखा देकर उन्हें साइबर अपराध की गतिविधियों में धकेलने के मामलों की जांच कर रही थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में लगभग 45 प्रतिशत साइबर वित्तीय धोखाधड़ी दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से होती है। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए, I4C ने कई अहम कदम उठाए हैं, जिनमें इस तरह के अपराधियों के डिजिटल नेटवर्क को तोड़ना शामिल है।
नकली ऐप्स के माध्यम से धोखाधड़ी :
साइबर अपराधी विभिन्न प्रकार के धोखाधड़ी वाले ऐप्स के माध्यम से लोगों को फंसाते थे। इन ऐप्स में निवेश के अवसर, गेम्स, डेटिंग प्लेटफॉर्म और नकली ट्रेडिंग साइट्स शामिल थीं। इन ऐप्स को डाउनलोड करने के बाद, लोग धोखाधड़ी का शिकार हो जाते थे और उन्हें पैसे भेजने के लिए मजबूर किया जाता था। यह पूरा गिरोह भारतीय युवाओं को नौकरी के झूठे वादों के साथ कंबोडिया भेजता था, जहां उन्हें साइबर अपराधों में शामिल कर लिया जाता था। बाद में, इन भारतीय नागरिकों ने कंबोडिया में इसका विरोध किया, और उनके सुरक्षित वापस लौटने के लिए सरकार ने कदम उठाए।
भारत की डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा :
यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि भारत सरकार साइबर अपराधों से लड़ने के लिए गंभीर है। I4C ने विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर साइबर अपराधों को रोकने के लिए कई उपायों पर काम किया है। साइबर धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, और इन अपराधों से निपटने के लिए सरकार ने एक ठोस रणनीति तैयार की है।
इस प्रकार, भारत की डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से यह स्पष्ट हो जाता है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है और देश की डिजिटल दुनिया को सुरक्षित बनाने के लिए पूरी ताकत लगाई जा रही है।