Crorepati Gaon : महाराष्ट्र का एक छोटा सा गांव अमलनेर (Amalner) आज एक अद्भुत मिसाल बन चुका है, जहां हर बच्चा करोड़पति है और हर इंसान के पास करोड़ों की संपत्ति है। इस गांव का यह अनोखा रिवाज तब चर्चा का विषय बन गया, जब यह सामने आया कि यहां के लोग अपनी संपत्ति बनाने के लिए शेयर बाजार का सहारा लेते हैं, खासतौर पर विप्रो (Wipro) के शेयर। इस गांव में हर बच्चे के जन्म लेने के साथ ही उसके नाम पर विप्रो के शेयर खरीदे जाते हैं, और यही कारण है कि अमलनेर को ‘टाउन ऑफ मिलेनियर्स’ भी कहा जाता है।
महाराष्ट्र का अनोखा गांव – अमलनेर :
अमलनेर के लोग शेयर बाजार के प्रति अपनी समझ और निवेश की आदतों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां के लोग निवेश को सिर्फ एक तरीके के रूप में नहीं, बल्कि अपनी आर्थिक सुरक्षा और भविष्य की ओर एक सही कदम के रूप में देखते हैं। जब यहां के बच्चे पैदा होते हैं, तो उनके नाम पर तुरंत विप्रो के शेयर खरीद लिए जाते हैं। इससे न केवल परिवारों को आने वाले समय में वित्तीय लाभ मिलता है, बल्कि बच्चों को भी भविष्य में करोड़पति बनने का अवसर प्राप्त होता है।
क्यों है यह गांव विशेष?
अमलनेर की यह सफलता की कहानी सिर्फ एक संयोग नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे सही समय पर सही निवेश करके कोई भी व्यक्ति अपनी किस्मत बदल सकता है। यहां के लोग विप्रो के शेयरों को देखकर यह सीखते हैं कि अगर आप किसी अच्छे और भरोसेमंद कंपनी में निवेश करते हैं और उसे लंबे समय तक बनाए रखते हैं, तो इसका फायदा जरूर मिलता है। यह गांव इस बात का उदाहरण है कि अगर सही दिशा में सही प्रयास किए जाएं, तो कोई भी आर्थिक रूप से संपन्न हो सकता है।
विप्रो की सफलता की कहानी :
विप्रो का सफर 1945 में अमलनेर से शुरू हुआ था, जब इसे एक छोटे से कारोबार के तौर पर स्थापित किया गया था। इस समय यह कंपनी साबुन और वेजिटेबल ऑयल का उत्पादन करती थी। लेकिन समय के साथ विप्रो ने खुद को आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में भी स्थापित किया और आज यह एक विशाल और प्रभावशाली कंपनी बन चुकी है। 1980 में विप्रो के शेयर की कीमत केवल 100 रुपये थी। वही 100 रुपये का शेयर आज अरबों की कीमत में बदल चुका है, और इसके जरिए निवेशकों ने अपार संपत्ति अर्जित की है।
40 सालों में विप्रो के शेयरों ने बदली किस्मत :
विप्रो के शेयरों ने बीते 40 वर्षों में निवेशकों को बेहद आकर्षक रिटर्न दिए हैं। यदि 1980 में किसी ने महज 10,000 रुपये विप्रो के शेयर में निवेश किए होते, तो आज उसके पास करीब 1,400 करोड़ रुपये होते। यह आंकड़ा यह बताता है कि विप्रो के शेयरों ने निवेशकों को कुछ खास फायदे दिए हैं। कंपनी ने इस अवधि में कई बार बोनस शेयर, स्टॉक स्प्लिट और डिविडेंड दिए हैं। इसके परिणामस्वरूप, 100 रुपये के एक शेयर का मूल्य 2021 तक बढ़कर 2.56 करोड़ शेयरों में बदल चुका था। इस दौरान निवेशकों को डिविडेंड के रूप में 2.56 करोड़ रुपये मिल चुके हैं, जो एक शानदार उदाहरण है कि लंबी अवधि में निवेश करने से कैसे संपत्ति का निर्माण हो सकता है।
2024 में विप्रो का वर्तमान मूल्य :
हालांकि, यह परिवर्तन 40 वर्षों में हुआ है, लेकिन आज भी विप्रो का शेयर काफी मजबूत स्थिति में है। 19 नवंबर, 2024 को विप्रो का शेयर 561 रुपये के करीब बंद हुआ था। अगर 1980 में किसी ने 100 रुपये का शेयर खरीदा होता और उसे तब से लेकर आज तक होल्ड किया होता, तो वह शेयर आज लगभग 14 करोड़ रुपये का हो गया होता। यह अद्भुत रिटर्न इस बात का उदाहरण है कि दीर्घकालिक निवेश कितना फायदेमंद हो सकता है।
भविष्य में क्या उम्मीदें हैं?
अब, जब विप्रो और अन्य भारतीय कंपनियां विश्वभर में अपनी पकड़ बना रही हैं, तो अमलनेर के लोगों के लिए भविष्य के अवसर और भी बेहतर हो सकते हैं। शेयर बाजार में निवेश के लिए भारत में अनुकूल माहौल बन रहा है, और ऐसे में अमलनेर जैसे गांवों की निवेश रणनीतियां अन्य स्थानों के लिए भी एक आदर्श बन सकती हैं।
बहरहाल अमलनेर गांव की सफलता की यह कहानी बताती है कि सही समय पर किया गया निवेश और लंबी अवधि तक उसे बनाए रखना कितनी बड़ी संपत्ति बना सकता है। विप्रो के शेयरों ने यहां के लोगों को करोड़पति बना दिया है, और यह गांव एक बेहतरीन उदाहरण है कि स्मार्ट निवेश और आर्थिक समझ से किस तरह भविष्य को संवार सकते हैं। अमलनेर की यह कहानी निवेशकों के लिए एक प्रेरणा बन सकती है, जो चाहते हैं कि वे भी अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत वित्तीय आधार तैयार करें।