भारत में धार्मिक और सामाजिक कार्यों में धूप या अगरबत्ती जलाने का प्रचलन प्राचीन काल से ही रहा है। मंदिर हो या घर हो, सभी जगह पूजा – पाठ करने के लिए अगरबत्ती का जलाना अनिवार्य है। धूप एक सुगंधित पाउडर या पेस्ट है जिसे भारतीय घरों में सुगंधित धुएँ के रूप में जलाया जाता है और इसमें कीटनाशक और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। इस लिहाज से अगरबत्ती की मांग कभी समाप्त नहीं होने वाली है। यानि अगरबत्ती बनाने का व्यवसाय (Agarbatti Making Business) बहुत ही फायदेमंद है। यह बिजनेस लघु उद्योग श्रेणी मे आता है और स्माल स्केल इंडस्ट्री (एसएसआई) कैटेगरी मे बहुत प्रसिद्ध बिजनेस है। आइये जानते हैं अगरबत्ती का बिजनेस कैसे शुरु किया जा सकता है।
भारत में अगरबत्ती का बाजार :
भारत में अगरबत्ती का कारोबार 7500 करोड़ रुपये का है और लगभग 1000 करोड़ रुपये का निर्यात होता है। वहीं यह उद्योग लगभग 3.6 प्रतिशत की गति से तेजी से बढ़ रहा है। यह इंडस्ट्री देश के प्रमुख निर्यातकों में से एक बन चुकी है। यहां से अगरबत्ती का निर्यात 150 से अधिक देशों में किया जाता है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, मलेशिया और नाइजीरिया शीर्ष बाजार हैं। देश में इस समय अगरबत्ती बनाने के उद्योग में लगभग 5 लाख लोग शामिल हैं।
कैसे शुरु करें अगरबत्ती बनाने का बिजनेस ?
अगरबत्ती का बिजनेस शुरु करने के लिए आपको निम्नलिखित लाइसेंस प्राप्त करना होगा :
- फर्म या कंपनी एक्ट के तहत बिजनेस का रजिस्ट्रेशन
- जीएसटी नंबर प्राप्त करना
- फैक्ट्री के लिए लघु उद्योग का लाईसेंस प्राप्त करना
- ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करना
- प्रदुषण लाईसेंस प्राप्त करना
- SSI रजिस्ट्रेशन प्राप्त करना
- ESI रजिस्ट्रेशन कराना
- EPF रजिस्ट्रेशन कराना
अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया:
पहले के समय में अगरबत्ती हाथ से बनायी जाती थी। लेकिन, अब अगरबत्ती बनाने की मशीन आ गई है। जिससे कम अगरबत्ती बनाने कम समय लगता है। अगरबत्ती बनाने वाली मशीन की कीमत क्षमता के अनुसार होती है।
अगरबत्ती बनाने के लिए सभी सामग्री को पानी के साथ उचित अनुपात में अच्छी तरह मिलाया जाता है ताकि एक अर्ध ठोस पेस्ट बन जाए। इस पेस्ट को बांस की छड़ियों पर लगाया जाता है और हाथों से समान रूप से लकड़ी के तख्तों पर रोल किया जाता है। इसके बाद कच्ची अगरबत्तियों को सुखाया जाता है और उपयुक्त बंडलों में पैक किया जाता है। सुगंधित अगरबत्तियों के निर्माण के लिए सांद्रित इत्र को पहले सफेद तेल या डायथाइल फथलेट (आमतौर पर 1:3) के साथ पतला किया जाता है और कच्ची अगरबत्तियों को उपयुक्त रूप से डिपिंग ट्रे में डुबोया जाता है। सुगंधित अगरबत्तियों को तुरंत बटर पेपर बैग या पॉलीप्रोपाइलीन बैग में पैक किया जाता है और अंत में डिब्बों में पैक किया जाता है।
मसाला अगरबत्तियों के लिए मिश्रण की संरचना इस प्रकार है:
• सफेद चिप्स – 40% • गीगाटू – 20% संरचना को संशोधित किया जा सकता है • चारकोल – 20% आवश्यकताओं के अनुसार • सुगंधित रासायनिक आवश्यक – 20% तेल और अन्य सामग्री
अगरबत्ती बनाने का कच्चा माल :
अगरबत्ती बनाने का कच्चा माल थोक बाज़ारों में मिल जाता है। कच्चा माल जो चाहिए होता है, उसका लिस्ट निचे दी गई है जिसे अपने नजदीक थोक मार्केट में पता करके अगरबत्ती बनाने का कच्चा माल खरीदें।
- बांस की डंडी
- जिलेटिन के कागज
- इत्र
- बुरादा
- सुगंधित कैमिकल
- चंदन का तेल
- पैकिंग सामग्री
- कलर पाउडर
- नरगिस पाउडर
- क्रूड
- चारकोल
- जिकिट
पूंजी निवेश और मैनपावर:
अगरबत्ती बनाने का व्यवसाय शुरू करने में 4 से 5 लाख रुपए लगते हैं। इसके साथ ही अगरबत्ती बनाने के लिए कम से कम 8-10 कर्मचारियों की जरूरत होती है। इनमें प्रोडक्शन मैनेजर, सेमी-स्किल्ड लेबर, डिलीवरी बॉय, अकाउंटेंट, क्लर्क आदि शामिल हैं।
मशीनरी और उपकरण:
अगरबत्ती बनाने की मशीन की कीमत 35,000 रुपए से लेकर 1.75 लाख रुपए तक होती है। एक मिनट में इस मशीन से 150 से 200 अगरबत्ती बनाई जा सकती हैं।
अगरबत्ती व्यवसाय में कमाई:
अब अगर अगरबत्ती व्यवसाय में कमाई की बात करें तो अगरबत्ती में 25 से 40 फीसदी तक का मुनाफा हो सकता है। और यह आमदनी उत्पाद की मांग के साथ बढ़ती रहेगी और आप लाखों में कमाई करने लग सकते हैं। यानी अगर आप हर महीने करीब 1.5 लाख रुपए का व्यवसाय करते हैं तो इसमें आपका मुनाफा करीब 40 से 60 हजार रुपए हो सकता है।